लोचनप्रसाद पाण्डेय वाक्य
उच्चारण: [ lochenpersaad paanedey ]
उदाहरण वाक्य
- पंडित लोचनप्रसाद पाण्डेय स्मृति में संगोष्ठी
- पं लोचनप्रसाद पाण्डेय ने इसे उड़ीसा के शरभगढ से जोड़ा।
- पुरातत्वविद् और सुप्रसिद्ध साहित्यकार पंडित लोचनप्रसाद पाण्डेय कई भाषाओं के साथ उड़िया भाषा के भी ज्ञाता थे।
- तभी तो पंडित लोचनप्रसाद पाण्डेय छत्तीसगढ़ की वंदना करते हुए लिखते हैं:-महानदी बोहै जहां होवै धान बिसेस।
- स् व. लोचनप्रसाद पाण्डेय ' महाकोशल हिस्टोरिकल पेपर्स ' में सिर्फ सिंघनपुर ही नहीं अपितु अंचल के महत्वपूर्ण स्थलों का ऐतिहासिक महत्व के साथ प्रकाशन किया था।
- पंडित लोचनप्रसाद पाण्डेय के अनुसार दक्षिण कोसल की सीमा इस प्रकार थी-उत्तर में गंगा, दक्षिण में गोदावरी, पश्चिम में उज्जैन और पूर्व में समुद्र के तट पर स्थित पाली (उड़ीसा)।
- इस आधार पर पंडित लोचनप्रसाद पाण्डेय ने यह तात्पर्य निकाला कि मध्ययुग में किसी राज्य की समर विजित शक्ति और महत्ता बतलाने के लिए उनका मान गढ़ों की संख्या से लगाया जाता था।
- सुप्रसिद्ध साहित्यकार और पुरातत्वविद पंडित लोचनप्रसाद पाण्डेय के अनुसार दक्षिण कोसल की सीमा उत्तर में गंगा, दक्षिण में गोदावरी, पश्चिम में उज्जैन और पूर्व में पूर्वी समुद्री तट पाली (जिला-बालसौर, उड़ीसा) तक थी।
- इतिहास: ईसा पूर्व से छत्तीसगढ़ के साहित्यकार और पुरातत्वविद् पंडित लोचनप्रसाद पाण्डेय “श्री विष्णु यज्ञ स्मारक ग्रंथ” में लिखते हैं:-“प्राचीन साहित्य के द्वारा कोसल देश पर जो प्रकाश पड़ता है उसके अनुसार उसका इतिहास ७०० ईसा पूर्व का है।
- यह सच है कि पण्डित माधवराव सप्रे, पण्डित लोचनप्रसाद पाण्डेय, पण्डित बनमालीप्रसाद शुक्ल, पण्डित मुकुटधर पाण्डेय तथा बाबू मावली प्रसाद जी ने हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अच्छी ख्याति अर्जित की परन्तु अभी तक उनकी रचनाओं का कोई संग्रह प्रकाशित नहीं हो सका है।
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